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सस्ते, प्री-अप्रूव्ड लोन घोटालों से सावधान रहें: मेरा महंगा अनुभव और सुरक्षित रहने के उपाय

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मेरी कहानी: मैं कैसे ठगा गया
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कुछ दिन पहले, मुझे बैंक ऑफ बड़ौदा से प्रतीत होने वाला एक संदेश मिला जिसमें ₹5 लाख का लोन ऑफर किया गया था। संदेश असली लग रहा था और मुझे वित्तीय मदद की ज़रूरत थी, इसलिए मैंने आगे संपर्क किया।

दूसरी तरफ़ के व्यक्ति ने मुझसे कहा कि लोन मंज़ूर होने से पहले ₹1,650 की प्रोसेसिंग फीस जमा करनी होगी। यह रकम छोटी लगी और मैंने बिना ज्यादा सोचे पैसे ट्रांसफर कर दिए। लेकिन जैसे ही मैंने पैसे दिए, वे अलग-अलग बहाने बनाकर और पैसे मांगने लगे—कभी डॉक्यूमेंटेशन के लिए, कभी वेरिफिकेशन के लिए और फिर लोन “फ़ाइनलाइज़” करने के लिए।

प्रक्रिया पर भरोसा करते हुए, मैंने उनकी हर मांग के अनुसार पैसे भेजे। हर बार यह आश्वासन दिया गया कि अब लोन लगभग मंज़ूर हो गया है और सिर्फ़ एक आखिरी स्टेप बाकी है। लेकिन मंज़ूरी कभी नहीं मिली।

आखिरकार, जब मुझे एहसास हुआ कि मैंने पहले ही काफी पैसा दे दिया है और कोई लोन नहीं मिला, तो मैंने उस व्यक्ति से सवाल किया। उसने लोन मंज़ूर करने के बजाय मुझसे कहा कि मुझे ₹5,400 और जमा करने होंगे ताकि मैंने जो पैसे पहले दिए हैं, वो मेरे अकाउंट में वापस कर दिए जाएं। उसी समय मुझे समझ आ गया—मैं ठगा जा चुका था।


यह लोन फ्रॉड कैसे हुआ
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यहाँ बताया गया है कि ऐसे घोटालेबाज़ किस तरह काम करते हैं:

  1. नकली लोन ऑफर (SMS, कॉल, सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर): धोखेबाज़ एसएमएस, कॉल या सोशल मीडिया/मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए आकर्षक शर्तों के साथ प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर करते हैं और अक्सर मशहूर बैंकों के नाम का इस्तेमाल करते हैं। ये ऑफर पेशेवर भाषा में होते हैं और तात्कालिकता का दबाव बनाते हैं ताकि शिकार जल्दी प्रतिक्रिया दे।
  2. छोटी शुरुआती प्रोसेसिंग फीस: जब कोई शिकार दिलचस्पी दिखाता है, तो स्कैमर एक छोटी फीस मांगता है। यह मामूली लगती है और भरोसा जीत लेती है।
  3. बार-बार अतिरिक्त शुल्क: शुरुआती भुगतान के बाद वे डॉक्यूमेंटेशन, इंश्योरेंस, टैक्स या अन्य शुल्कों के बहाने बार-बार पैसे मांगते हैं। हर बार यह कहा जाता है कि बस एक आखिरी कदम बाकी है।
  4. रिफंड का झांसा: जब शिकार सवाल करने लगता है, तो वे कहते हैं कि अब तक दिए गए पैसे एक और आखिरी भुगतान के बाद वापस कर दिए जाएंगे। लेकिन यह “रिफंड” कभी नहीं होता।
  5. गायब हो जाना: जब तक स्कैमर पीड़ित से अधिकतम पैसा वसूल नहीं लेता, तब तक संपर्क में रहता है। फिर अचानक नंबर बंद हो जाता है, सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए जाते हैं और शिकार के पास कोई संपर्क साधन नहीं बचता।

चेतावनी संकेत: कब सावधान रहें
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  • 🔴 अग्रिम भुगतान की मांग: लोन मंज़ूरी से पहले प्रोसेसिंग फीस की मांग करना।
  • 🔴 लगातार अतिरिक्त शुल्क: अलग-अलग बहानों से बार-बार पैसे मांगना।
  • 🔴 झूठा आश्वासन और दबाव: बार-बार कहना कि लोन “लगभग मंज़ूर हो गया है”।
  • 🔴 रिफंड का धोखा: दिए गए पैसों की वापसी के नाम पर और पैसा मांगना।

लोन घोटालों से बचने के उपाय
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  1. स्रोत की पुष्टि करें: किसी भी लोन ऑफर की पुष्टि हमेशा बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या कस्टमर सर्विस से करें। बैंक कभी भी एसएमएस, कॉल या सोशल मीडिया पर यादृच्छिक लोन ऑफर नहीं देते।
  2. कोई असली लोन अग्रिम भुगतान नहीं मांगता: असली वित्तीय संस्थाएँ लोन मंज़ूर करने से पहले पैसे नहीं मांगतीं।
  3. ग़ैर-आधिकारिक संचार से सावधान रहें: व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, सोशल मीडिया या निजी नंबरों से आने वाले ऑफर धोखाधड़ी का संकेत हैं।
  4. चेतावनी संकेत पहचानें: ऊपर बताए गए संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें।
  5. अपनी प्रवृत्ति पर भरोसा करें: अगर ऑफर बहुत अच्छा लग रहा है या आपको संदेह हो रहा है, तो भुगतान करने से पहले अच्छी तरह जांचें।
  6. संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें: किसी भी धोखाधड़ी की शिकायत cybercrime.gov.in पर करें। साथ ही अपने बैंक और नज़दीकी पुलिस स्टेशन/साइबर पुलिस स्टेशन को सूचित करें।

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