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धोखाधड़ी वाले कॉल से सावधान रहें: मैंने कैसे ₹85,000 गँवाए

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विषय सूची

मेरी कहानी: मैं कैसे ठगा गया
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कुछ दिन पहले मुझे एक अज्ञात नंबर से फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बंदन बैंक का अधिकारी बताया और कहा कि मेरा पैन कार्ड अपडेट करना ज़रूरी है। शुरुआत में मैं सतर्क रहा और फोन पर आए OTP (वन-टाइम पासवर्ड) को साझा करने से मना कर दिया।

लेकिन कॉल करने वाला लगातार दबाव और जल्दबाज़ी दिखाकर मुझे समझाता रहा। आखिरकार, मैंने हार मान ली और OTP साझा कर दिया। कॉल के तुरंत बाद मैंने पाया कि मेरा ₹85,000 का फ़िक्स्ड डिपॉज़िट समय से पहले तोड़ दिया गया है और मेरे बैंक खाते से पैसे निकाल लिए गए हैं।


यह धोखाधड़ी कैसे हुई:
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  1. अज्ञात नंबर से कॉल:
    धोखेबाज़ ने एक अज्ञात नंबर से कॉल किया और खुद को बैंक अधिकारी बताया। उसने पेशेवर भाषा का इस्तेमाल किया और दावा किया कि वह पैन कार्ड वेरिफिकेशन जैसे एक सामान्य अपडेट में मदद कर रहा है।

  2. पैन कार्ड अपडेट का झूठा दावा:
    कॉलर ने यह कहते हुए तात्कालिकता का माहौल बनाया कि पैन कार्ड तुरंत अपडेट करना ज़रूरी है, वरना बैंक खाते में समस्या होगी। इस दबाव में शिकार सहयोग करने लगता है।

  3. OTP की मांग:
    धोखेबाज़ ने पीड़ित के फोन पर OTP भेजा और बार-बार उसे साझा करने के लिए कहा। शुरुआत में विरोध करने के बावजूद, लगातार दबाव के कारण अंततः पीड़ित ने OTP साझा कर दिया।

  4. अनधिकृत वित्तीय लेन-देन:
    OTP मिलते ही धोखेबाज़ ने पीड़ित के बैंक खाते तक पहुँच बना ली, फ़िक्स्ड डिपॉज़िट को समय से पहले तोड़ा और पैसा अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया।


चेतावनी संकेत: कब सावधान रहें
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  • 🔴 अनपेक्षित कॉल: किसी अज्ञात नंबर से बैंक का होने का दावा करने वाला कॉल।
  • 🔴 तुरंत पैन/अकाउंट अपडेट का दबाव: कॉलर तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहे।
  • 🔴 OTP साझा करने का दबाव: लगातार OTP या अन्य संवेदनशील जानकारी बताने के लिए ज़ोर डालना।
  • 🔴 हेरफेर की रणनीति: डर, जल्दबाज़ी या अधिकार जताकर शिकार को मजबूर करना।

खुद को कैसे सुरक्षित रखें:
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  1. OTP कभी साझा न करें:

    • बैंक या वित्तीय संस्थान कभी भी फोन पर OTP नहीं मांगते।
    • OTP को गोपनीय रखें और चाहे कॉलर कितना भी भरोसेमंद लगे, इसे साझा न करें।
  2. कॉलर की पहचान की पुष्टि करें:

    • अगर कोई कॉलर बैंक का होने का दावा करे, तो कॉल काटें और बैंक की आधिकारिक कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके जानकारी की पुष्टि करें।
    • कॉलर द्वारा दिया गया नंबर कभी इस्तेमाल न करें।
  3. जल्दबाज़ी और दबाव से सावधान रहें:

    • धोखेबाज़ अक्सर जल्दबाज़ी का माहौल बनाते हैं ताकि आप बिना सोचे-समझे निर्णय लें।
    • अगर कोई कॉलर तुरंत कार्रवाई करने पर ज़ोर दे रहा है, तो यह धोखाधड़ी का संकेत है।
  4. बुजुर्ग परिवारजनों को जागरूक करें:

    • बुजुर्ग लोगों को अक्सर निशाना बनाया जाता है। उन्हें सामान्य धोखाधड़ी की रणनीतियों के बारे में समझाएँ और कहें कि कोई भी जानकारी साझा करने से पहले परिवार से सलाह लें।
    • उन्हें संदिग्ध कॉल की तुरंत सूचना आपको या बैंक को देने के लिए प्रेरित करें।
  5. बैंक खातों की नियमित निगरानी करें:

    • अपने बैंक स्टेटमेंट और लेन-देन इतिहास को नियमित रूप से चेक करें ताकि किसी भी अनधिकृत गतिविधि का पता चल सके।